police

FIR Full Form in Hindi | Complete Form in Police

 

नमस्कार दोस्तों , आप ने कभी न कभी FIR के बारे में सुना ही होगा, पर आप को FIR ka full form in Hindi नहीं पता होगा। कभी गाँव में लड़ाई झगड़ा हो जाए तो हम पुलिस थाने में FIR दर्ज करवाने जाते है।

साथ ही साथ कई बार पुलिस Compitive Exam में fir ka full form पूछ लिया जाता है। इसलिए आप को fir का full form in Hindi और English में पता होना चाहिए।

इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप को FIR की पूरी जानकारी आप की सरल भाषा Hindi में देने जा रहे है। इस आर्टिकल में निम्नलिखित Topics के बारे में बिस्तर से बताया गया है।

  • FIR Ka full form Kya Hota Hai ?
  • Fir kya hai
  • एफ आई आर का मतलब क्या होता है?
  • Fir complete form in police
  • FIR कब दर्ज की जाती है?

तो चलो शुरू करते है ,पहले जान लेते है FIR का फुल फॉर्म क्या होता है ?

Read More – All Police Full Forms in Hindi 

FIR Ka Full Form Kya Hota Hai

जैसा की आप जानते ही है की F.I.R एक लिखित क़ानूनी दस्तावेज़ होता है जो पुलिस थाने में दर्ज की जाती है।

इसकी की फुल फॉर्म हिन्दी और इंग्लिश में निम्नलिखित अनुसार है।

1.Hindi – FIR Complete(full) form in Hindi

  • एफआईआर (FIR) को हिन्दी (Hindi ) में “पहली सूचना रिपोर्ट” कहा जाता है। ज्यादातर लोग इसे FIR के नाम से ही जानते है।

2.English – “FIR Complete(full) form in English (Fir complete form in police)

  • F – First
  • I – Information
  • R – Report

इसतरह FIR ki Full Form in English में First Information Report होता है।

एफ आई आर का मतलब क्या होता है?

FIR (एफ आई आर ) एक क़ानूनी दस्तावेज होता है जिसका मतलब “पहली सूचना रिपोर्ट” (First Information Report) होता है।

यह एक legal document होता है जो किसी जुर्म या आपराधिक घटना की पहली जानकारी रेकॉर्ड करने के लिए इस्तमाल किया जाता है।

जब पुलिस को किसी भी illegal activity की जानकारी मिलती है तो सबसे पहले पुलिस अधिकारी FIR दर्ज करती है।

FIR Kya Hai ( एफ आई आर किसे कहते है )

बहुत सारे लोग FIR के बारे में तो पता होता है पर नहीं जानते है की FIR Kya Hai (एफ आई आर किसे कहते है )

क्या आप जानते है की FIR कब और क्यों लिखवाया जाता है।

जब आप का किसी वियक्ति के साथ या मुहल्ले में लड़ाई झगड़ा हो जाए या भविष्य में किसी प्रकार की घटना या दुर्घटना की आकांशा से बचने के लिए पुलिस थाने में हुई घटना के बारे में जानकारी देने की प्रक्रिया को FIR कहते है।

यह एक लिखित क़ानूनी दस्तावेज होता है जो शिकायतकरता की और से दर्ज करवाया जाता है।

इस पर पुलिस थाने की मोहर लगी होती है और थानाअध्यक्ष का हस्ताक्षतर होते है।
इसकी एक कॉपी थाने में रहती है और दूसरी शिकायतकर्ता को दे दी जाती है।

आप द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस अपनी करवाई शुरू करती है।

यदि कोई पुलिस वाला आप की शिकयत या FIR दर्ज नहीं करता है तो आप न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है। हम बता दे की FIR भारतीय दंड संहिता 1973 के अंतर्गत दर्ज किया जाता है ।

यदि लड़ाई झगड़ा या चोरी हो जाए तो आप को FIR जरूर दर्ज करना चाहिए। इससे आप भविष्य में होने वाली क़ानूनी करवाई से बच सकते है।
क्योकि यदि कोई व्यक्ति आप पर किसी प्रकार का दोष लगता है तो आप क़ानूनी करवाई से बच सकते है।

First Information Report in Hindi ( FIR कब दर्ज की जाती है?)

क्या आप जानते है First Information Report (FIR ) कब दर्ज की जाती है?

जब आप का किसी के साथ लड़ाई झगड़ा हो जाता है या आप के घर में चारो आदि हो जाती है तो अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवानी पड़ती है।

जिसे FIR (पहली सूचना रिपोर्ट) भी कहा जाता है।

इस रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस आगे की करवाई करती है और अपराधी को पकड़ती है।

FIR (पहली सूचना रिपोर्ट) और मुकदमे में क्या अंतर है?

FIR (पहली सूचना रिपोर्ट) और मुकदमा दोनों अलग-अलग क़ानूनी प्रकिरिया है जो क़ानूनी ,आपराधिक मामलों में उपयोग की जाती है।

इन दोनों में ज्यादा अंतर नहीं होता है। इन दोनों में निम्नलिखित अंतर होता है।

1. FIR (पहली सूचना रिपोर्ट) :

  • पहली सूचना रिपोर्ट (FIR ) एक क़ानूनी दस्तावेज होता है जो Police द्वारा अपराधी को पकड़ने के लिए पहली जानकारी हासिल होती है।
  • FIR उस घटना के बारे में जानकारी देता है जिस पर जाँच आधारित मुकदमा चलाया जाता है।
  • इस दस्तावेज़ में घटना के स्थान, समय, शाखा, शामिल व्यक्तियों की पहचान, और घटना का विवरण विस्तार से बताया गया होता है ।

2 . मुकदमा:

  • मुकदमा एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमे जज , शामिल व्यक्तियों की गवाहियों को सुना जाता है और सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रमाणों की जाँच की होती है
  • जज मुकदमा के आधार पर न्यायिक निर्णय लेता है और तह करता है कि आरोपी दोषी है या नहीं।

संक्षेप में बात करे तो ,FIR एक पहली जानकारी है जिसका उपयोग मुकदमे शुरू करने के लिए होता है।
और मुकदमा वास्तविक न्यायिक प्रक्रिया है जिसमें देखा जाता है की आरोपी दोषी है या नहीं।

संक्षेप : FIR Full Form in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल के माध्यम से हमने FIR की complete form आप की सरल भाषा hindi में बिस्तर से बता दिया है। इसके इलावा

FIR Complete(full) form in Hindi और English,एफ आई आर का मतलब क्या होता है?,

First Information Report in Hindi ( FIR कब दर्ज की जाती है?)
और FIR (पहली सूचना रिपोर्ट) और मुकदमे में क्या अंतर है? के बिस्तर में में बता दिया है।

उम्मीद करते है की आप को First Information Report in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी।

इसके इलावा आप के पास कोई सवाल या सुझाव हो तो आप नीचे कमेंट करके बता सकते है।

FAQs – FIR

Q — FIR कितने दिनों के लिए वैध है?

Ans – Fir 90 दिनों तक वैध होता है। आप FIR को 90 दिनों तक बड़ा सकते है।

Q – किसी को गाली देने पर कौन सी धारा लगती है?

Ans-किसी को भी अश्लील गालियां देने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 294 लगाई जाती है।

Q FIR का पूरा नाम क्या है?

Ans- FIR को हिन्दी में प्रथम सूचना रिपोर्ट कहते हैं, और इंग्लिश में फर्स्ट इनफार्मेशन रिपोर्ट (First Information Report) कहते है।

Sudama

नमस्कार दोस्तों मै सुदामा मंडल police in india का सस्थापक इस website पर हार्दिक स्वागत करता हूँ। मै हर दिन पुलिस से संबन्धित जैसे police kaise bane , पुलिस के लिए शिक्षा ,सलेक्शन प्रोसेस आदि की जानकारी सरल भाषा हिन्दी में शेयर करता हूँ। आप पुलिस भर्ती से संबन्धित नई नई जानकारी के लिए हर रोज इस website में visit कर सकते है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

error: Content is protected !!